Bank Account Rules: आज के इस डिजिटल युग में सभी के पास बेंक अकाउंट होना अनिवार्य हो गया है. भारत जैसे देश में आज हर एक के पास बेंक अकाउंट है और वह डिजिटल भारत में अपना योगदान दे रहा है.
आज, चाहे आप नौकरीपेशा हों, व्यवसायी हों, या गृहिणी, हर किसी के पास एक बैंक खाता होना आम बात है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके बैंक खाते में पैसे जमा करने और निकालने की कुछ सीमाएँ होती हैं?
ये सीमाएँ भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), आयकर विभाग, और बैंकों के नियमों द्वारा निर्धारित की जाती हैं. जिससे पारदर्शिता बनी रहती है.
सेविंग्स अकाउंट में पैसे जमा करने की सीमा:
वैसे तो आप सेविंग अकाउंट में जितने चाहे उतने पैसे रख सकते है. इसकी कोई लिमिट नहीं है. आप लाखो या करोड़ों रुपये भी जमा कर सकते है. लेकिन इसके लिए आपको RBI और आयकर विभाग के नियमो का पालन करना होगा. जो खासकर नकद जमा करने के मामले में है.
नकद जमा की सीमा
- अगर आप एक दिन में 50,000 रुपये या इससे अधिक नकद जमा करते हैं, तो आपको बेंक में अपना पैन कार्ड नंबर देना होगा.
- यदि आप एक वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) में 10 लाख रुपये से अधिक नकद जमा करते हैं, तो बैंक को इसकी सूचना आयकर विभाग को देनी होती है.
- अगर आप 10 लाख से ऊपर की राशि जमा करते है तो आपको अपनी आय का स्रोत बताना होगा. यदि आप आय के स्रोत के बारे में संतोषजनक जानकारी नहीं दे पाते, तो आयकर विभाग आप पर 60% टैक्स, 25% सरचार्ज, 4% सेस कर लगा सकता है
- सामान्य तौर पर, एक दिन में 1 लाख रुपये तक नकद जमा किया जा सकता है। यदि आप नियमित रूप से नकद जमा नहीं करते, तो यह सीमा 2.5 लाख रुपये तक हो सकती है.
चेक या डिजिटल माध्यम से जमा:
चेक, ऑनलाइन ट्रांसफर (NEFT, RTGS, UPI), या अन्य डिजिटल माध्यमों से जमा करने की कोई सीमा नहीं है. आप 1 रुपये से लेकर करोड़ों रुपये तक जमा कर सकते हैं. हालांकि, अगर राशि बहुत बड़ी है, तो आयकर विभाग आय के स्रोत के बारे में पूछ सकता है.
सेविंग्स अकाउंट से पैसे निकालने की सीमा:
सेविंग्स अकाउंट से पैसे निकालने की सीमाएँ नकद विड्रोअल और डिजिटल विड्रोअल के लिए अलग अलग होती हैं. इसके अलावा, आयकर नियम और बैंक के चार्ज भी लागू हो सकते हैं.
नकद निकासी की सीमा:
- बैंक शाखा से विड्रोअल: बैंक से नकद निकालने की कोई दैनिक सीमा नहीं है लेकिन यह बैंक पर निर्भर करता है की वह आपको कितना नकद निकालने की परमिशन दे रही है. बड़ी राशि निकालने के लिए आपको पहले से सूचना देनी पड़ सकती है.
- एटीएम विड्रोअल: ज्यादातर बैंक अपने एटीएम से हर महीने 5 मुफ्त लेनदेन और अन्य बैंकों के एटीएम से 3 मुफ्त लेनदेन प्रदान करते हैं. इसके बाद, प्रति लेनदेन 21 रुपये का फीस लग सकता है. यह नियम 1 जनवरी 2022 से लागू किया गया था.
- TDS (Tax Deducted at Source): यदि आप नियमित रूप से आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करते हैं, तो एक वित्तीय वर्ष में 1 करोड़ रुपये तक की नकद निकासी पर कोई TDS नहीं लगता.
- यदि आपने लगातार तीन वर्षों तक ITR दाखिल नहीं किया है, तो 20 लाख रुपये से अधिक की नकद निकासी पर TDS लागू होगा.
डिजिटल विड्रोअल:
चेक, UPI, NEFT, RTGS, या अन्य डिजिटल माध्यमों से निकासी की कोई सीमा नहीं है.
चालू खाते (Current Account) में जमा और निकासी की सीमा
चालु खता का उपयोग मुख्यरूप से व्यवसाय के लिए किया जाता है. सेविंग अकाउंट से यह बिलकुल अलग है और इसके नियम भी अलग है.
विड्रोअल जमा की सीमा:
- मासिक मुफ्त सीमा: बैंक व्यवसाय की आवश्यकताओं के आधार पर मासिक मुफ्त नकद जमा सीमा 2 लाख से 3 करोड़ रुपये तक निर्धारित कर सकते हैं.
- शुल्क: मुफ्त सीमा से अधिक नकद जमा करने पर बैंक शुल्क वसूल सकते हैं, खासकर प्रीमियम बैंकिंग सेवाओं में.
- 10 लाख रुपये से अधिक: एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक नकद जमा होने पर आयकर विभाग को सूचना दी जाती है, और आय के स्रोत की जाँच हो सकती है.
केश विड्रोअल:
चालू खातों में केश विड्रोअल की सीमा सेविंग्स अकाउंट से अधिक होती है, लेकिन यह बैंक की नियमो पर निर्भर करती है. TDS नियम सेविंग्स अकाउंट जैसे ही लागू होते हैं.
निष्कर्ष:
बैंक अकाउंट में पैसे जमा करने और निकालने की सीमाएँ RBI, Income Tex, और बैंकों की नीतियों द्वारा नियंत्रित होती हैं. सेविंग्स अकाउंट में नकद जमा की सीमा 10 लाख रुपये प्रति वित्तीय वर्ष और निकासी की सीमा 1 करोड़ रुपये (ITR दाखिल करने वालों के लिए) तक है.
चालू खातों में ये सीमाएँ अधिक होती हैं. डिजिटल लेनदेन का उपयोग करके और नियमित ITR दाखिल करके आप कई प्रतिबंधों और करों से बच सकते हैं. अपने बैंक के नियमों और शुल्कों की जानकारी रखें, और बड़े लेनदेन से पहले आय के स्रोत को स्पष्ट रखें.
नोट: यह पोस्ट सिर्फ आपके जनरल नोलेज के लिए है. किसी भी तरह के बेंक व्यवहार करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरुर ले. यह ब्लॉग पोस्ट किसी भी तरह की लेन-देन की जिम्मेदारी नहीं लेता है. बिना जानकारी के बेंक लेनदेन आपको कानूनी प्रक्रिया में उलझा सकता है. अपने विवेक से और एक्सपर्ट की सलाह से काम ले.